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नुक्ता चीनी: २००६ मुबारक
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नुक्ता चीनी. नुक्ताचीनी का नया पता. घबराईये नहीं नुक्ताचीनी. बंद नहीं हुई, बस अब नई जगह होती है! नुक्ताचीनी का नया पता है http:/ nuktachini.debashish.com. नुक्ताचीनी की फीड का पाठक बनने हेतु यहाँ क्लिक करें. हालिया नुक्ताचीनी. Sunday, January 01, 2006. २००६ मुबारक. नुक्ताचीनी के समस्त पाठकों व उनके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।. नव वर्ष की तुम्हें ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ! २००६ मुबारक. नुक्ता चीनी, यानि नल प्वाईंटर. लेखक के बारे में. View my complete profile.
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म र च 2005. अप र ल 2005. ज ल ई 2005. अक ट बर 2006. द स बर 2006. ज ल ई 2008. न र तर क ल खक. प छ य फ रसत य स. समस य प र त. प छ य फ रसत य स. समस य प र त. अत ल अर र. अमर क स ह द प. अफ़ल त न द स ई. आद त य स दर शन. इल प रस द. च द रच दन ग प ल क ष णन. च र क स र मद रई. जगद श भ ट य. ड जगद श व य म. द ब श ष चक रवर त. न र तर पत र क दल. प कज नर ल. प र ण म वर मन. प रत यक ष स न ह. रव श कर श र व स तव. व जय मन हर त व र. रत सक स न. ल खक पर चय. द ब श ष चक रवर त. प ण स थ त एक स फ टव यर सल हक र द ब श ष चक रवर त. न यम त प ठक बन.
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म र च 2005. अप र ल 2005. ज ल ई 2005. अक ट बर 2006. द स बर 2006. ज ल ई 2008. न र तर क ल खक. प छ य फ रसत य स. समस य प र त. अक ट बर 2006. य य वर शरद आय ह. र ष ट रर ग ड ब ब ल गर - स जय ब ग न. छ ट म य स भ न अल ल ह -प कज ब ग न. य द क घर द म एक स नच र य. इ टरन ट ब र इय क जड ह! स प उस - श द क सच: द हर य वक तव य. ख द क पत न म न ह नह कभ. ह न द सम तर क श: एक व र ट प रय स. एक दहकत शहर क द स त न. स चन स चयन क इन द रधन ष तकन क. जनत द व र , जन ह त ह त : व श व भर म जल क रक ष. जल म घ ल र जन त. जल ह धरत क धमन क रक त.
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आँख की किरकिरी: August 2014
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Tuesday, August 26, 2014. उन उंचाइयों की गिरावट. तब खत्म हो जाना या नहीं रहना क्या है शायद ही पता था पर जिंदा होना क्या है यह अवश्य अच्छे से पता चल चुका होगा! लगता जिसे हिसाब नहीं आता उसके लिए दुनिया का कौन सा दरवाजा खुल पाएगा. बाद में समझ आने लगा कि ये दोनों ही तो सपने एक ही सा डर बयान करते हैं! इस अवसरवादी समीकरणजीवी युग में लाभ-हानि. दरअसल व्यक्ति की यह विडम्बनापूर...इस प्रगति व उंचाई क&#...साधन व सा...उस पर...
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आँख की किरकिरी: April 2015
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Wednesday, April 08, 2015. लाखों प्रकाशवर्ष दूर टिमटिमाते तारे. इन काले चमकदार कैमरों में. दर्ज हो रहा है परत दर परत. हमारी बेशर्म नस्लों की कारगुजारियों का गंदला इतिहास. ये सफेद काली आंखें. कोई सवाल नहीं पूछ्ती. कोई शिकायत भी नहीं करती. किसी को तलाश भी नहीं करतीं. ये सिर्फ देखती हैं चुपचाप. इन आंखों से असर से कैसे बचूंगी मैं. या फिर. मुझे इन आंखों से डर लगता है. देखो हमारे सिर पर मर च...Subscribe to: Posts (Atom).
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आँख की किरकिरी: June 2015
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Saturday, June 06, 2015. मातृदिवस के बहाने बेटियों को पतनशील सीख. स्त्री को इस प्रपंचपूर्ण परम्परा की गुलामी से मुक्त महसूस करना शुरू करना चाहिए ।. Subscribe to: Posts (Atom). Raviratlami Ka Hindi Blog. आ गया - स्मार्टफ़ोनों का बाप आ गया! घुघूतीबासूती. मसिजीवी. शब्दों का सफर. अथ “डिकरा-डिकरी” कथा. चोखेर बाली. मूंछे, ब्रा और फेमिनिज्म. कबाड़खाना. सेनेका की सीखें - 4. आइए हाथ उठाएं हम भी. कुछ एहसास.
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आँख की किरकिरी: December 2014
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Tuesday, December 30, 2014. एक बुझे हुए वक्त में कविता. जैसे किसी माटी सने बच्चे को छूकर. दरवाजे से आ लगी हो हवा. जैसे देता हो दस्तक कोई लगातार. खुले दरवाज़े की चौखट पर. जैसे आंगन में मुरझाए पौधों को. सींचती मां का उड़ता हो आंचल. जैसे कारा की मोरी से झांकता. नीला टुकड़ा देता हो दिलासे. जैसे अंधेरे की उदासी को चीरता. गुनगुनाता हो कोई आदिम राग. ऎसे ही बुझे हुए वक्त में. देती है पटखनी और जब कभी. Monday, December 29, 2014.
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आँख की किरकिरी: March 2010
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Tuesday, March 09, 2010. हे भगवान! हमें मोटी होने का हक दो! प्रार्थना - हे भगवान हमें मोटी होने का हक दो! हमें अपनी छाती और बाहों पर बाल उगाने का हक और हिम्मत दो! हमें देह को सजाने और न भी सजाने का फैसला लेने की बुद्धि दो! हमें हिम्मत दो कि हमसे आइना जब सवाल करे हम उसे उलट दें! हमें हिम्मत दो कि हम छाती को छिपाती न फिरें! हे भगवान हमें हमारी देह ऊपर उठा दो! एक दिन वह बोली कि ' मैंन&#...वह बोली पाप...मैं...जब वह म&#...
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आँख की किरकिरी: May 2015
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Tuesday, May 12, 2015. क्या बताउं एक अधखिंची हैंडब्रेक ने क्या क्या गुल खिला दिए. smile emoticon. Subscribe to: Posts (Atom). Raviratlami Ka Hindi Blog. आ गया - स्मार्टफ़ोनों का बाप आ गया! घुघूतीबासूती. मसिजीवी. शब्दों का सफर. अथ “डिकरा-डिकरी” कथा. चोखेर बाली. मूंछे, ब्रा और फेमिनिज्म. कबाड़खाना. सेनेका की सीखें - 4. हंसो हंसो जल्दी हंसो. आइए हाथ उठाएं हम भी. कुछ एहसास. गाहे-बगाहे. RAINBOW/इंद्रधनुष.
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आँख की किरकिरी: September 2009
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आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Wednesday, September 02, 2009. हाउस , फ्राउऎन , सेक्स - मार्गिट श्राइनर. अपनी पिछली पोस्ट. में मैंने एक अनोखे तेवर वाले उपन्यास घर ,घरवालियां ,सेक्स का नामोल्लेख किया था! 160; कई मित्रों ने इस उपन्यास के बारे में जानना चाहा है! उसने पत्नी से मांगा प्यार , सेक्स खुशी , सुरक्षा ! इसकी रचना एक स्त्री ने की है! 160; मारी थेरेज़े - सुपरमार्केट की खजां...जानती हो मेरा धीरे-ध&...मेरा यह खयाल बनतì...यदि इसक&#...
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