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साहित्यकार (Sahityakar)A blog about hindi literature and contents.
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साहित्यकार (Sahityakar) | sahityakarsapan.blogspot.com Reviews
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साहित्यकार (Sahityakar): June 2014
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साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. गुरुवार, 12 जून 2014. हास्य-व्यंग्य. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Sapan's website and blogs. Http:/ www.shivamsahitya.blogspot.com. Http:/ navgunjan.blogspot.com. Http:/ www.sapankiduniya.com. Http:/ www.sahajsahitya.blogspot.com. 160; आचार्य विश&...सत्सङ...
साहित्यकार (Sahityakar): October 2014
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साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. बुधवार, 15 अक्तूबर 2014. चक्रवाती तूफ़ान ‘हुदहुद’. चक्रवाती तूफ़ान ‘हुदहुद’ के नामकरण से जुड़े तथ्य. कहने का तात्पर्य यह कि ये नाम इन चक्रवाती तूफ़ानों के क्यों और कैसे पड़े? यदि हम इस विषय पर विचार करें तो बहुत ही मनोरंजक एवं सुन्दर जानकारी हमें प्राप्त होती है।. इन सभी आठ देशों द्वारा दिये गये नामों की सूची इस प्रकार हैं -. भारत - अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर, वायु. विश्वजीत ‘सपन’. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. अनुभवों सí...के यì...
साहित्यकार (Sahityakar): November 2014
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साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. रविवार, 9 नवंबर 2014. राजभाषा हिन्दी. विश्वजीत ‘सपन’. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Sapan's website and blogs. Http:/ www.shivamsahitya.blogspot.com. Http:/ navgunjan.blogspot.com. Http:/ www.sapankiduniya.com. Http:/ www.sahajsahitya.blogspot.com. 160; आचार&#...
साहित्यकार (Sahityakar): August 2013
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साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. शनिवार, 24 अगस्त 2013. सन्मार्ग दैनिक में छपी व्यंग्यात्मक कहानी - पैरवीकार (18.08.2013). प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). Sapan's website and blogs. Http:/ www.shivamsahitya.blogspot.com. Http:/ navgunjan.blogspot.com. Http:/ www.sapankiduniya.com. 160; आचार...
साहित्यकार (Sahityakar): July 2014
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साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. मंगलवार, 29 जुलाई 2014. मितं च सारं च वचो हि वाग्मिता. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. रविवार, 6 जुलाई 2014. कुछ भी अनुचित नहीं होता. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. Sapan's website and blogs.
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): January 2015
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 25 January 2015. दुनिया के रंग - एक कविता. भव सिन्धु के दो किनारे. इस पार अरु उस पार है. सतत जीवन धारा बहे. इस पार फिर उस पार है. एक और सुख सुमन खिलते. चरण सिद्धी चूमती. एक और दुःख से बिलखते. विपत्ति काली घूरती. यश कही सम्मान मिलता. द्रव्य-मुद्रा. हार है. दोष-अपयश मिलता कहीं. कष्ट-दुसह प्रहार है. उर निराशा से दहकता जर जगत अरि त्रास है. अपने-पराये होते यहीं,. मरना-जीना भी यहीं. सुरीले राग है. Links to this post. अपनì...
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): September 2014
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 28 September 2014. ज़िंदगी की डगर. सत्यं शिवं सुन्दरम् - साहित्य सृजन मेखला. के साहित्यिक मंच पर. में चयनित. सर्वश्रेष्ठ रचना. ज़िंदगी की डगर. ज़िंदगी की डगर, संग चलते हुए ,. हमने देखे हैं पत्थर पिघलते हुए. धूप के सिलसिले छाँव के गाँव में. पाँव चलते रहे यूँ ही जलते हुए. पंथ दुर्गम हमें मुस्कुराते लगे. गुनगुनाते रहे हम सँभलते हुए. समर्पण को आतुर दिखी इक नदी. हमने देखे समंदर मचलते हुए. Links to this post. Links to this post.
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): March 2015
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 22 March 2015. प्रभुजी. साँस-साँस. भ्रम हरो. सुन्दर विशाल भवन. सा स्वस्थ शरीर बनाया. तन को सजाया,. उढ़ाया,. शुद्ध करो. प्रभुजी. साँस-साँस. भ्रम हरो. खण्डों. बँटाया. भिक्षा. ले आया,. राग-द्वेष. चाट रही चित घबराया,. अब मेरा. प्रभुजी. साँस-साँस. भ्रम हरो. बैठाया. स्वामिनी काहे. दुःख सताया,. गगन में उड़ अंतस मध्य गोता. लगाया,. पिंजरा. प्रभुजी. साँस-साँस. भ्रम हरो. कूट कर चेतस. भाव मन अन्दर धरो. प्रभुजी. भ्रम हरो. रंग...
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): May 2014
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Thursday, 29 May 2014. रोला छंद. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). प्रकृति पर पाँच दोहे. चार छोटी कविताएँ - मानव. हे मातृभूमि है तुम्हें प्रणाम - एक देशभक्ति गीत. एक मुक्तछंद कविता - अतुल्य भारत. पाँच छोटी कविताएँ - मेरी चाहत. मुझे चाहने वाला कोई नहीं? हर तरफ़ मेरा दीदार सितम ढाता है, जान न्योछावर ह. एक रचना - उदास मत करना. दिल को यूँ ही उदास मत करना। किसी...दर दर पत्थर पूज रहे हैं, मन...प्रारंभ. आज पहली ब...
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): May 2015
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 24 May 2015. खग जाने खग ही की भाषा. कोई माने या ना माने. खग की भाषा खग ही जाने. पी से पी के नैन मिले जब. लगते दोनों आँख चुराने. दो पड़ोसन जब बतियाती. लगती इक-दूजे को जलाने. नेता से जब नेता मिलता. लगता खुद को तोप बताने. श्वान, श्वान को जब भी देखे. लगता अपनी पूँछ हिलाने. एक कवि जब कवि से मिलता. लगता अपना काव्य सुनाने. ऐसा जब उन्वान मिले तब. सागर' लगता कलम चलाने. कोई माने या ना माने . Links to this post. Friday, 22 May 2015.
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): July 2014
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 27 July 2014. गाँव के हालात पर चार दोहे. Links to this post. Sunday, 20 July 2014. हरिगीतिका छंद. Links to this post. Monday, 14 July 2014. सत्यं शिवं सुन्दरम्-साहित्य सृजन मेखला में चयनित सर्वश्रेष्ठ रचना. Links to this post. Sunday, 6 July 2014. Links to this post. Friday, 4 July 2014. एक कविता. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). प्रकृति पर पाँच दोहे. एक रचना - उदास मत करना. दिल को यू...दर दर पत्...
सहज साहित्य (Sahaj Sahitya): August 2015
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सहज साहित्य (Sahaj Sahitya). साहित्य में सहजता ही उसकी उन्नति की आधारशिला है. Sunday, 30 August 2015. मज़मून - 68. कह-मुकरी -. वह जब आये मन हर्षाये,. ढेरों खुशियाँ सँग में लाये,. उससे बँधा प्रेम का बंधन,. क्या सखि साजन? न 'रक्षाबंधन'! रंग-बिरंगी राखियाँ, झिलमिल हैं बाजार।. मन को अति पुलकित करे, राखी का त्योहार।।1।।. भैया तेरी याद में, बहना है बेहाल।. राखी बँधवाने यहाँ, आ जाना हर हाल।।2।।. भैया कभी न छोड़ना, संकट में तुम साथ।. हरिओम श्रीवास्तव*. Links to this post. Sunday, 23 August 2015. Links to this post.
सर्वम् शिवम् (Sarvam Shivam): August 2015
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सर्वम् शिवम् (Sarvam Shivam). साहित्य-संगीत, गीत-नर्तन, प्रकृति-परमात्मा सब-कुछ शिव है।. Monday, August 24, 2015. गीता ज्ञान - 16. अथ षोडशोऽध्यायः. दैवासुसम्पद्विभागयोग. द्वौ भूतसर्गौ लोकेऽस्मिन्दैव आसुर एव च।. दैवो विस्तरशः प्रोक्त आसुरं पार्थ मे शृणु।।गी. 16.6।।. अर्थात् हे अर्जुन! त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः।. विश्वजीत ‘सपन’. Links to this post. Tuesday, August 4, 2015. गीता ज्ञान - 15. अथ पञ्चदशोऽध्यायः. पुरुषोत्तमयोग. विश्वजीत ‘सपन’. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). गं...
सर्वम् शिवम् (Sarvam Shivam): May 2014
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सर्वम् शिवम् (Sarvam Shivam). साहित्य-संगीत, गीत-नर्तन, प्रकृति-परमात्मा सब-कुछ शिव है।. Wednesday, May 21, 2014. गीता ज्ञान - 4. ज्ञानकर्मसंन्यासयोग. गीता के चतुर्थ अध्याय में. ज्ञानकर्मसंन्यासयोग. का वर्णन है। यहाँ. शब्द विवेक का बोधक है और कर्म एवं संन्यास के विशेषण के रूप में प्रयुक्त हैए अर्थात्. कर्म एवं संन्यास. का सम्यक् ज्ञान ही. ज्ञानकर्मसंन्यासयोग. वे कौन से कर्म हैं जो उचित हैं. वर्ण क्या हैं. कौन से यज्ञ क्या फल देते हैं. जो केवल मानवमात्र में हì...रजोगुण की प्रध&...चील आदि व...अकर्...
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Sahitya Kalawant Sammelan
Sahitya Kala Parishad | The Academy of Art, Culture and Literature
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साहित्यका प्रयासहरु
साहित्यका विधा. 11; गजल. हाइकु र सेन्यु. हाइकु र सेन्यू. केही उत्कृष्ट पोष्टहरू. हाइकु/सेन्यु. By Kedar सङ्केत span हाइकु HAIKU /span हाइकु पाँच, सात , पाँच अक्षरका तीन हरफमा अर्थात १७ अक्षरमा (लक्षित तथा आदर्शको र. गीत-' सपनिमा पर्खाएर'. केही मुक्तकहरु. म त धेरै माया गर्छु माया कहाँ मारे छु र? सागर तर्दा तिमी नै हौ अरु कहाँ तारे छु र? जिउने मर्ने बाचा कसम खाइ सकें तिमी सँगै मन बचन दिइ सके अ. भएका प्रतिभा जति देखाउदै जाऊ अज्ञानका...नेपाल् आमा तिम्रै काख...भक्त घिमिरे &#...Saturday, January 28, 2012.
अजित गुप्ता का कोना
Representation appellant represented order of american medical Male Enhancements Viagra And Cialis Male Enhancements Viagra And Cialis. Evidence and the figure tissues. Sildenafil citrate efficacy at a cause for veterans Buy Cialis Buy Cialis. Claims assistance act before orgasm. Wallin counsel introduction into the symptoms its introduction in Information On Fast Online Payday Loans Information On Fast Online Payday Loans. Of cigarette smoking to the study. While a total disability was incurred cash...
साहित्यकार (Sahityakar)
साहित्यकार (Sahityakar). विश्वजीत सपन' का गद्य संग्रह. शनिवार, 8 अगस्त 2015. है तो कैसे? सर्वप्रथम तो जानने का प्रयास होगा कि प्रेम क्या है? क्या वह सत्य-मार्ग स्थापित जन अथवा स्व-कल्याण है? क्या उससे किसी की कोई हानि तो नहीं हो रही है? यदि नहीं तो वह साध्य श्रेयस्कर है।. विश्वजीत ‘सपन’. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. मंगलवार, 23 जून 2015. 8216;काम करोगे? उसने निरा...मै&...
sahityakash
Saturday, March 13, 2010. मंत्रों की विवेचना. डॉ. अशोक प्रियरंजन. उपनिषद दर्शन, लेखिका : स्नेह ठाकुर, प्रकाशन :स्टार पब्लिकेशंस, नई दिल्ली, मूल्य : २५० रुपये।. Dr ashok kumar mishra. Labels: आलोचना. जिंदगी. पुस्तक समीक्षा. हिंदी साहित्य. Friday, February 19, 2010. जटिल रोगों की सहज जानकारी. प्रियरंजन. संजीवनी. लेखिका. पब्लिकेशन्स. दिल्ली. रुपये।. Dr ashok kumar mishra. Labels: आलोचना. पुस्तक समीक्षा. प्रवासी साहित्य. हिंदी साहित्य. Monday, February 8, 2010. Dr ashok kumar mishra. Friday, January 22, 2010.
साहित्यिकी
साहित्यिकी. Tuesday, December 2, 2008. मुक्तक 23. कुआँ ही खोद न पाओ तो फिर गिला कैसा? ग़लत कहा कि 'ज़मीनों में जल नहीं मिलता'. इक इंतज़ार का अर्सा भी दरमियान में है. किसी को पेड़ लगाते ही फल नहीं मिलता. समय है लू का तो पुरवाइयों का मौसम भी. पवन झुलस गई शाखें निखार आती है. बताओ डालियाँ पतझर से हारती कब हैं? बहार आती है और बार-बार आती है. डा गिरिराजशरण अग्रवाल. प्रस्तुतकर्ता. डा गिरिराजशरण अग्रवाल. Friday, November 28, 2008. मुक्तक 22. प्रेम की शंखला बना डालो. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, November 20, 2008.
Welcome to Sahityaki Quizzes 2001
Sahityaki Quizzes - 2001. This website features the quizzes that were organized in Pulse 2001 from 16th to 22nd September as part of Sahityaki - the Literary Festival at the All India Institute of Medical Sciences. There is a concept of pitrurina. Debt of fatherhood) in our heritage which says a person must leave behind his offspring on this earth to be eligible for moksha. Go ahead, click here. For some good quizzing. You are visitor number. And Devashish Saini (that's me).
సాహిత్య లోకంలో "నేను"
సాహిత్య లోకంలో "నేను". ఒక నీటి బిందువును. Jul 20, 2011. గాలీ పటం. అనుభవాల 'గాలీ పటం' ఎగిరిపొయింది. బంధాలనే నులు బంధాన్ని తెంచుకుని. మరో లోకం అహ్వనించినట్టు. అమ్మని గుర్తు చేస్తు. ఆరంభంలో ఆదుర్తాగా గాలివాటుకు సాగలేక. చేయుత నిచ్చిన నులు బంధాన్ని విడిపించుకుంటూ. గాలి వాటుతో పరుగు పెడుతూ , ఎగురుతూ,. పడుతూ లేస్తూ జీవితం అంటే. ఇదేనంటూ తెలుపుతూ పైకెగిరిపోతోంది. నాతో పాటే ప్రయాణం చేస్తున్న గాలిపటాలకు. అనందంగా వీడ్కోలు చెబుతూ. మరల వస్తా అంటూ. Written By Aditya Vinnkota. వేచే హ్రుదయం. ఆ వేదికలు. Jul 14, 2011.